गुड़ और देशी घी मिलाकर पीने से हृदय की शक्ति में वृद्धि होती है।
गेहूं का सत और अर्जुन की छाल का चूर्ण समान भाग लेकर भून लें। इस चूर्ण का तीन गुणा शहद डालें। इस की 6 ग्राम से 10 ग्राम तक की मात्रा प्रतिदिन सेवन करने से भी सभी प्रकार के हृदय रोग दूर होता है और घबराहट दूर होती है।
पीपल के कोमल पत्तों का दो कोपलों का रस 6 ग्राम से 10 ग्राम तक निकाल लें। इसमें षहद मिलाकर पीने से पीड़ा मिट जाती है। और हृदय में जान आती है।
15 ग्राम अर्जुन की छाल, 15 ग्राम गुड़ और 60 ग्राम दूध लें। अर्जुन की छाल के चूर्ण को दूध में डालकर अच्छे से पकाएं और गुड़ मिलाकर पिएं। इससे हृदय के रोग ठीक होते हैं।
असगन्ध और बहेड़ा के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर गोलियां बना लें और सुबह शाम दो-दो गोलियां गरम पानी के साथ खायें। इससे हृदय की पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
3 ग्राम मुलहठी और 2 ग्राम कुटकी को पीसकर मिश्री के साथ षर्बत बनाकर पीने से दिल की धड़कन सामान्य होकर कमजोरी दूर होती है।
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