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जानिये गंगाजल के खराब न होने का कारण।

जानिये गंगाजल के खराब न होने का कारण।


क्या आप जानते हैं की गंगानदी का पानी कभी खराब नहीं होता है और न हीं उसमें कभी किटाणु पैदा होते हैं।

जी हां यह सच है। गंगाजल कभी खराब नहीं होता है। फिर भी हम सभी अपनी गंगा मैया पर काफी जुल्म किया करते हैं गंगा मैया के अंदर लाशें फेकी जाती हैं, नाले छोड़े जाते हैं, कचरा फेक दिया जाता है फिर भी हमारी गंगा मैया का पानी हमेशा शुद्ध रहता है।

हम आपको बता दें की गंगा के पानी के कभी खराब न होते की वजह एक रिसर्च से सामने आई है और वह वजह है एक वायरस। जिसका नाम है निजा वायरस। जी हां.... वैज्ञानिकों का मानना है कि गंगा के पानी में एक वायरस पाया जाता है जो इसके पानी को निर्मल बनाये रखता है। इसके जरीये पानी में कभी सड़न पैदा नहीं होती, तथा गंगाजल को स्टोर करके भी रखा जाये तो इससे आपको बदबू नहीं आएगी।

बताया जाता है कि सन् 1890 में एक ब्रिटिश साइंटिस्ट अर्नेस्ट हैंकिन गंगा के पानी पर रिसर्च कर रहे थे। उस समय हैजा फैला हुआ था जिसके कारण काफि संख्या में मौतें हुई, लोग मरने वालों की लाशें गंगा में फेंक कर चले जाते। अनेंस्ट हैंकिन को यह डर था कि गंगा में नहाने वाले लोग भी कहीं हैजा पीड़ित न हो जाएं। लेकिन जब हैंकिन ने पानी पर रिसर्च की तो वे हैरान थे। क्योंकि गंगा जी का पानी बिल्कुल शुद्ध था। बल्कि उन्हें यह डर सता रहा था कहीं लोग गंगा का पानी पीने से या उसमें नहाने से बीमार न पड़ जायें।

हैंकिन को यह समझ में आ गया कि गंगा जी का पानी जादूई है। हैंकिन ने इस रिसर्च को 20 साल के एक फ्रैंच साइंटिस्ट ने आगे बढाया। और उन्हों ने पाया कि गंगाजी के पानी में पाया जाने वाला यह वायरस बैक्टीरिया में घुसकर उन्हें खत्म कर देता है।

निजा वायरस की वजह से ही गंगाजी का पानी हमेशा शुद्ध रहता है।
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